Israel-Palestine conflict: Humanitarian crisis in Gaza and latest diplomatic efforts / इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष: गाजा में मानवीय संकट और नवीनतम राजनयिक प्रयास

Israel-Palestine conflict: Humanitarian crisis in Gaza and latest diplomatic efforts
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Israel-Palestine conflict: Humanitarian crisis in Gaza and latest diplomatic efforts / इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष: गाजा में मानवीय संकट और नवीनतम राजनयिक प्रयास

संघर्ष विराम वार्ता में प्रगति के बावजूद, गाजा पट्टी में स्थिति गंभीर बनी हुई है; अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने राहत प्रयासों में वृद्धि की अपील की। / Despite progress in ceasefire talks, the situation in the Gaza Strip remains dire; the international community calls for increased relief efforts.

परिचय: इजरायल और फिलिस्तीन (Israel-Palestine) के बीच दशकों पुराना संघर्ष एक बार फिर गंभीर मोड़ पर है। गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए राजनयिक प्रयास जारी हैं। नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, संघर्ष विराम वार्ता में कुछ प्रगति के संकेत मिले हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अत्यधिक चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

  1. गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति: गाजा पट्टी में व्यापक सैन्य अभियानों के परिणामस्वरूप एक गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सहायता संगठनों की रिपोर्टें बताती हैं कि भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति और आश्रय की भारी कमी है। हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच बेहद सीमित है। अल-अक्सा शहीद अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मध्य गाजा में एक घर पर इजरायली हवाई हमले में 22 लोग मारे गए, जिनमें नौ महिलाएं और बच्चे शामिल थे। उत्तरी गाजा में भी हमले जारी हैं, जिससे हताहतों की संख्या बढ़ रही है।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) के अनुसार, गाजा में आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी गंभीर रूप से बाधित हुई है। सहायता ट्रकों को सीमा पार करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और सुरक्षा चिंताओं के कारण वितरण भी बाधित हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि गाजा में इजरायली सैन्य अभियान और निकासी आदेश स्वास्थ्य प्रणाली को ‘टूटने के कगार’ पर धकेल रहे हैं। उत्तरी गाजा के जबालिया क्षेत्र में अल-औडा अस्पताल, जो क्षेत्र के अंतिम क्रियाशील चिकित्सा केंद्रों में से एक है, को भी खाली करने के आदेश मिले हैं, जिससे शेष 82 कर्मचारियों और सात मरीजों के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

2. संघर्ष विराम वार्ता और बंधकों की रिहाई: व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि इज़रायल ने गाजा में अस्थायी संघर्ष विराम के लिए अमेरिका के एक नए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति ने हमास को एक संघर्ष विराम प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसे इज़रायल का समर्थन प्राप्त है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य गाजा में अभी भी बंधक बनाए गए जीवित और मृत दोनों बंधकों की वापसी के बदले में लड़ाई में एक विस्तारित युद्धविराम लाना है। हालांकि, लेविट ने कहा कि बातचीत अभी भी जारी है और हमास ने अभी तक प्रस्ताव की शर्तों को स्वीकार नहीं किया है। हमास की ओर से अंतिम प्रतिक्रिया का इंतजार है, जिस पर भविष्य की कार्रवाई निर्भर करेगी।

3. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया और कूटनीति: इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर वैश्विक प्रतिक्रिया विभाजित बनी हुई है, हालांकि मानवीय स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और महासभा में कई प्रस्ताव पेश किए गए हैं, जिनमें युद्धविराम, मानवीय सहायता तक पहुंच और दो-राज्य समाधान के प्रति प्रतिबद्धता का आह्वान किया गया है।

ब्रिटेन ने हाल ही में वेस्ट बैंक में नई इजरायली बस्तियों की निंदा की है, इसे फिलिस्तीनी राज्यत्व के मार्ग में एक बाधा बताया है। ब्रिटिश विदेश कार्यालय के मंत्री हैमिश फाल्कनर ने कहा कि “बस्तियां अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अवैध हैं, दो-राज्य समाधान को और खतरे में डालती हैं, और इज़रायल की रक्षा नहीं करती हैं।” पिछले सप्ताह, ब्रिटिश सरकार ने इजरायली-अधिकृत वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी समुदाय के खिलाफ हिंसा का समर्थन करने वाले तीन लोगों, दो अवैध बस्ती चौकियों और दो संगठनों पर नए प्रतिबंध लगाए थे।

संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी प्रश्न के विशेष समन्वयक एड अंतरिम, सिग्रिड काग ने सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए कहा कि “मध्य पूर्व में फिलिस्तीनी संघर्ष के समाधान के बिना स्थायी शांति नहीं हो सकती है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जून में न्यूयॉर्क में होने वाला फिलिस्तीन प्रश्न के शांतिपूर्ण समाधान और दो-राज्य समाधान के कार्यान्वयन के लिए उच्च-स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है।

4. यमन और अन्य क्षेत्रीय तत्वों का प्रभाव: इस संघर्ष में क्षेत्रीय तत्वों का प्रभाव भी देखा जा रहा है। इज़रायल ने हाल ही में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोकने का दावा किया है। हूती विद्रोहियों ने गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए युद्ध के दौरान इजरायल को लक्षित किया है। इन हमलों में से अधिकांश को इज़रायल की मिसाइल रक्षा प्रणालियों द्वारा रोक दिया गया है, हालांकि कुछ ने घुसपैठ की है जिससे हताहत हुए हैं और नुकसान हुआ है। यह घटनाक्रम दिखाता है कि गाजा संघर्ष का प्रभाव क्षेत्रीय स्थिरता पर भी पड़ रहा है।

5. निष्कर्ष: इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष एक जटिल और बहुआयामी चुनौती है जिसमें मानवीय संकट, राजनीतिक गतिरोध और क्षेत्रीय सुरक्षा निहित है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संघर्ष विराम और मानवीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक प्रयासों को तेज कर रहा है, जमीनी स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। सभी पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वे तनाव कम करने और स्थायी शांति की दिशा में काम करें, जो क्षेत्र के सभी लोगों के लिए न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करे।

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